कौआ – काक, करकट, काग, वायस, काण, बलिपुष्ट, पिशुन। चिन्ता – ध्यान, फिक्र, सोच, परवाह, विचार, अधीरता, रंज, दुःख, शोक व्यथा। यदि कोई धन कल्याण हेतु दिया जाता है तो उसे दान कहते हैं। पंडित जी के पास ज्ञान की जो सम्पदा है उसकी थाह नहीं लगाई जा सकती. – https://shabdvyom.in